Solar Rooftop Subsidy 2025 : भारत में ऊर्जा संकट, बढ़ती बिजली दरें और पर्यावरणीय दबाव ने सरकारों को अक्षय ऊर्जा की ओर तेजी से कदम बढ़ाने पर मजबूर किया है। इसी संदर्भ में, 2025 में एक नई पहल ने ध्यान खींचा है — “रूफटॉप सोलर सब्सिडी” जिसमें पात्र घरों पर सोलर पैनल लगाने पर 95% तक की छूट देने की योजना शामिल है। यह पहल सिर्फ पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के बिजली बिलों को हल्का करने और ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।नीचे हम इस योजना के महत्व, पात्रता, प्रक्रिया, लाभ और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
योजना का महत्व और पृष्ठभूमि
- ऊर्जा आत्मनिर्भरता
भारत जैसे विशाल और विविध जलवायु वाले देश में सौर ऊर्जा का पर्याप्त संसाधन मौजूद है। रूफटॉप सोलर पैनलों से हर घर अपनी बिजली स्वयं उत्पन्न कर सकता है और बिजली ग्रिड पर निर्भरता कम हो सकती है। - उच्च बिजली दरों से राहत
बिजली की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। यदि घरों में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित हो जाए, तो अधिकांश बिजली जरूरतों को सौर ऊर्जा द्वारा पूरा किया जा सकता है, जिससे बिजली बिल – या बिल की राशि – बहुत कम हो सकती है। - पर्यावरण सुरक्षा
फॉसिल ईंधन पर निर्भरता कम होगी, कार्बन उत्सर्जन घटेगा और वायु प्रदूषण में सुधार होगा। इस तरह यह पहल जलवायु परिवर्तनरोधी प्रयासों में योगदान देती है। - सामाजिक समावेशन
यह योजना विशेष रूप से निम्न-आय और अति लाॅ लाभार्थी परिवारों को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि ‘धनवान’ ही नहीं, बल्कि ‘गरीब’ भी अक्षय ऊर्जा से लाभान्वित हों।
महाराष्ट्र की SMART Solar योजना — 95% सब्सिडी Solar Rooftop Subsidy 2025
सब्सिडी की यह 95% छूट विशेषकर महाराष्ट्र राज्य में घोषित नई “SMART Solar” (Swayampurna Maharashtra Residential Rooftop Solar) योजना के अंतर्गत है। इस योजना की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं:
- यदि मासिक बिजली उपभोग 100 यूनिट से कम हो, तो उपभोक्ता इस योजना के लिए पात्र हैं।
- योजना के तहत राज्य एवं केंद्र के सहयोग से सब्सिडी दी जाएगी।
- बुनियादीतः 1 kW की सौर प्रणाली की लागत लगभग ₹50,000 मानी जाती है।
- BPL (Below Poverty Line) परिवारों को लगभग 95% सब्सिडी दी जाएगी, जिसका मतलब है कि वे केवल लगभग ₹2,500 का हिस्सा स्वयं चुकाएँगे।
- SC/ST परिवारों के लिए यह सब्सिडी करीब 90% तक रखी गई है।
- सामान्य उपभोक्ताओं (जो 100 यूनिट से कम बिजली उपयोग करते हैं, लेकिन BPL/SC/ST श्रेणी में नहीं आते) को लगभग 80% सब्सिडी मिलेगी।
- इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 2025–26 में ₹330 करोड़ और 2026–27 में ₹325 करोड़ का बजट रखा है।
- योजना के क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी MSEDCL (Maharashtra State Electricity Distribution Company Limited) को दी गई है।
- वितरण एजेंसियों और इंस्टॉलेशन एजेंसियों को 5 वर्षों तक मेंटेनेंस तथा सेवा सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व होगा।
यह योजना महाराष्ट्र में विशेष प्राथमिकता से ग्रामीण, पिछड़े और आदिवासी इलाकों (जैसे मेळघाट, नंदुरबार, गडचिरोली) में लागू की जाएगी।
इस तरह, यदि एक BPL परिवार 1 kW की सौर प्रणाली लगवाता है, तो कुल लागत ~₹50,000 में से लगभग ₹47,500 सब्सिडी होगी और उन्हें केवल ₹2,500 ही कटौती के रूप में चुकानी होगी। इस तरह उनकी बिजली लगभग “मुक्त“ हो सकती है।
राष्ट्रीय स्तर की पहल — PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana
महाराष्ट्र की योजना एक राज्य स्तरीय उपक्रम है। इसके साथ ही केंद्र सरकार की “PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana” (PM सूर्या घर: मुफ्त बिजली योजना) भी है, जिसके द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर रूफटॉप सोलर को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस योजना की कुछ मुख्य बातें:
- 2024 में इसे शुरू किया गया, और इसका उद्देश्य 1 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर रूफटॉप प्रणाली से जोड़ना है।
- लाभार्थियों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रतिमाह मिलेगी।
- इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है — ₹30,000 प्रति kW (1–2 kW के लिए), और 3 kW तक की प्रणालियों के लिए ₹78,000 का कुल सब्सिडी सीमा।
- यदि प्रणाली 3 kW से बड़ी हो जाती है, तो अतिरिक्त क्षमता पर सब्सिडी नहीं दी जाती।
- सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है।
- यह योजना राज्य डिस्कॉम कंपनियों के माध्यम से संचालित होती है। pmsuryaghar.gov.in+1
इस प्रकार, महाराष्ट्र की 95% सब्सिडी की योजना और केंद्र की राष्ट्रीय योजना मिलकर लाभार्थियों को अधिकतम राहत पहुँचाने की दिशा ले जा रही हैं।
आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
आवेदन प्रक्रिया
- संबंधित राज्य या DISCOM की अधिसूचित रूफटॉप सोलर पोर्टल पर पंजीकरण करें।
- अपनी बिजली खपत, उपभोक्ता विवरण, पहचान व पते का प्रमाण अपलोड करें।
- यदि आपका घर किराए पर है या संयुक्त स्वामित्व में है तो छत के मालिक का NOC (No Objection Certificate) जमा करें।
- डिस्कॉम की साइट विज़िट कर feasibility जाँचेगी।
- पैनल इंस्टॉलेशन एवं ग्रिड कनेक्शन किया जाएगा।
- स्थापना एवं निरीक्षण प्रमाणपत्र मिलने के बाद सब्सिडी राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज
- बिजली बिल
- पहचान प्रमाण (आधार, पैन आदि)
- पता प्रमाण
- छत स्वामित्व प्रमाण या NOC
- बैंक विवरण (पासबुक या चेक)
संभावित लाभ
- बिजली बिल में भारी बचत — बहुत से परिवारों के लिए यह बिल लगभग “शून्य” हो सकती है।
- बचत की राशि अन्य आवश्यकताओं पर खर्च हो सकती है।
- प्रतिपूर्ति अवधि (payback period) काफी कम — 3–5 सालों में खुद की लागत वापस हो सकती है।
- अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन बेच कर आय संभव।
- स्थिरता एवं पर्यावरणीय लाभ: प्रदूषण कम, प्रकृति संरक्षित।
- ऊर्जा सुरक्षा: कटौती या बिजली कटौती की समस्या से राहत।
- रोजगार सृजन: सोलर पैनल निर्माण, इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस से रोजगार के अवसर।
चुनौतियाँ और सावधानियाँ
- सभी छतें सौर पैनल लगाने के अनुकूल नहीं होतीं (सामना, छाया, छत की मजबूती आदि)।
- यदि योजना लागू करने वाली एजेंसियों की गुणवत्ता नियंत्रण न हो, तो प्रणाली दोषपूर्ण हो सकती है।
- सरकारी फंड सीमित हैं — प्रस्तावित सब्सिडी तुरंत भर नहीं पाई जा सकती तो आवेदन लंबित हो सकते हैं।
- लाभार्थी को उचित जानकारी और जागरूकता जरूरी है — फर्जी एजेंसियों से सावधान रहना चाहिए।
- उच्च क्षमता वाले घरों को 95% सब्सिडी नहीं मिलेगी — इसलिए सही क्षमता चुनना महत्वपूर्ण है।
- नेटवर्क कनेक्शन, नेट मीटरिंग, ग्रिड अनुकूलता जैसी तकनीकी चुनौतियाँ हो सकती हैं।


